आमतौर पर प्रेगनेंसी का पूरा समय 9 महीने (40 सप्ताह) का होता हैं। एक निश्चित समय पर होने वाली डिलीवरी को नार्मल कहते हैं। पर कुछ मामलो में गर्भवती महिला प्रेगनेंसी का पूरा समय करने से पहले ही बच्चे को जन्म दे देती हैं। जिसे समय से पहले डिलीवरी होना कहते हैं। अग्रेजी में इसे premature birth कहते हैं। भारत में ऐसे मामले काफी होते हैं। जल्दी डिलीवरी होने से बच्चे का पूरा विकास नहीं हो पता जिससे कुछ परेशानिया का सामना भी करना पड़ सकता हैं। आज हम जानेंगे समय से पहले बच्चा होने के लक्षण, जांच कैसे करे और डॉक्टर से कब मिले।
प्रसव को असामयिक तब मन जाता हैं जब वो बच्चा पैदा होने नार्मल डेट से 3 सप्ताह या उससे भी पहले शुरू हो जाए। जल्दी प्रसव पीड़ा होने से जल्दी डिलीवरी भी हो सकती हैं। अच्छी बात ये हैं अगर समय रहते इसका पता चल जाए तो डॉक्टर डिलीवरी में देरी भी करा सकते हैं। जितना ज्यादा समय बच्चा गर्भ में रहेगा उतना ही उसके अंगो का पूरा विकास होगा और डिलीवरी के समय आने वाली जटिलताओं से भी बचा जा सकेगा। अगर किसी बड़े कारन होने से डिलीवरी पहले हो जाती हैं तो कुछ समय तक बच्चे और माँ को हॉस्पिटल में ही रहना होता हैं।
डिलीवरी जल्दी होने के कारण : Preterm Birth Causes in Hindi
- माँ का एक से ज्यादा बच्चे के साथ गर्भवती होना।
- पहले कभी premature delivery माँ की हुई हो या फिर परिवार में पहले किसी को हुई हो तो इसकी सम्भावना ज्यादा रहती हैं।
- गर्भाशय में किसी तरह की कोई समस्या होना।
- प्रेगनेंसी के दौरान शराब या दूसरा कोई नशा करना।
- वजन काफी अधिक या कम होना।
- गर्भ में पल रहे बच्चे में कोई दोष होना।
- डिलीवरी होने के ठीक बाद फिर से प्रेग्नेंट होना।
- गर्भाशय में इन्फेक्शन होने से भी समय से पहले बच्चे के जन्म का खतरा रहता हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर और शुगर की बीमारी हो होना।
- गर्भावस्था में सही से अपना ध्यान ना रखना।
जल्दी डिलीवरी होने के लक्षण : Premature Delivery Symptoms
37th वीक से पहले डिलीवरी होने के लक्षण पहचानना थोडा मुश्किल हो जाता हैं। क्योंकि इसके कई लक्षण नार्मल प्रेगनेंसी में भी देखे जाते हैं।चलिए ऐसे ही कुछ प्रेगनेंसी के दौरान संकेतो को जानते हैं जिनसे हम जल्दी डिलीवरी होने का पता लगा सकते हैं।
- पेट में संकुचन (contractions ) ज्यादा होना। एक घंटे में अगर 4 से 6 बार ऐसे संकुचन हो तो ये प्रीटर्म डिलीवरी होने का लक्षण हो सकता हैं। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से मिले।
- योनि से पानी (vaginal discharge) ज्यादा निकलना। जो रंग में भी अलग दिखाई दे।
- पेट के निचली तरह दबाव महसूस होना। ऐसा लगना जैसे बच्चा नीचे आ रहा हो।
- पेट के निचे की तरह दर्द होना जो पीरियड्स में होने वाले दर्द जैसा महसूस हो।
- प्रेगनेंसी हल्की या ज्यादा ब्लीडिंग होना।
प्रेगनेंसी में संकुचन (Contractions) की जांच कैसे करे
जल्दी बच्चे की डिलीवरी होने के शुरूआती लक्षणों में Contractions काफी अहम होता हैं। चलिए जानते हैं इनका पता कैसे करे।
- सबसे पहले पेट में गर्भाशय पर अपनी उंगलिया रखे।
- अगर आपको महसूस हो रहा की गर्भाशय कभी टाइट हो रहा तो कभी ढीला। इसका मतलब हैं एक संकुचन हुआ हैं।
- अब आप संकुचन होने का समय नोट करे। एक संकुचन के ख़त्म होने के बाद दूसरा कब शुरू होता हैं।
- ये Contractions रोकने के लिए आप सीधा खड़े होकर 2-3 गिलास पानी पी सकते हैं।
- अगर तभी भी ये बंद नहीं होते और हर 10 मिनट बाद या उसे भी पहले अगला संकुचन हो जाता हैं तो ये Premature Labor का लक्षण हो सकता हैं।
डॉक्टर से कब मिले : When to see a Doctor
अगर आपको समय से पहले डिलीवरी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिले। डॉक्टर या नर्स को अगर लगे की आपको Premature Delivery होने के संभावना हैं तो वो निचे दिए टेस्ट करेगा।
- सबसे पहले आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछा जायगा। इसके साथ मैं प्रेगनेंसी में कौन सी दवाइयों का सेवन कर रहे। उनके बारे में पूरी जानकरी ली जायगी।
- इसके बाद गर्भवती महिला के शरीर की कुछ जांच की जायगी जिसमे ह्रदय गति, ब्लड प्रेशर और तापमान शामिल हैं।
- इसके बाद गर्भाशय ग्रीवा को जांचा जायगा की वो खुल रहा हैं या नहीं।
समय से पहले डिलीवरी को रोकने के लिए निम्नलिखित ट्रीटमेंट किये जाते हैं
- हॉस्पिटल में भर्ती किया जाना।
- गर्भाशय को रिलैक्स करने और प्रसव रोकने के लिए दवाइया दी जायगी।
- गर्भ में पल रहे बच्चे के फेफड़ो के विकास के लिए मेडिसिन।
- एंटीबायोटिक्स
- IV fluids
Premature Delivery से बचने के लिए उपाय
- शरीर में खुस्की बनना समय से पहले डिलीवरी का एक बड़ा कारण हो सकता हैं। इसलिए अधिक से अधिक पानी पिए।
- पेशाब करने या मल त्यागने के बाद सही से उन अंगो को धोए। यूरिन इन्फेक्शन से बचने के लिए सफाई रखना बहुत जरुरी हैं।
- ज्यादा भारी सामान ना उठाए और अधिक शारीरिक काम भी ना करे।
- Contractions अगर रुक ना रहे हो तो उस समय कोई शारीरिक गतिविधियां ना करे। कुछ समय के लिए आराम करे।
- प्रेगनेंसी में हेअलथी डाइट ले और 10-12 kg वजन बढाने चाहिए।
- अपनी ज़िन्दगी से तनाव को जितना हो सके कम करे।
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